Tuesday, 9 August 2016

इलाहाबाद के स्कूल में राष्ट्रगान पर पाबंदी लगाने पर प्रबन्धक पर कार्यवाही की गई

कैसा हो अगर कोई देशवासी अपने ही देश के राष्ट्रगान को गाने से हिचकिचाए , और उसकी निंदा करे ? भारत देश के हर विद्यालय में दिन की शुरुआत राष्ट्रगान से ही होती है , स्कूलों में बच्चों को राष्ट्रगान के महत्व समझाए जाते हैं,शायद ऐसा पहली बार हुआ होगा कि किसी विद्यालय में बच्चों को राष्ट्रगान गाने पर सज़ा दी गई हो , यह आश्चर्यचकित कर देने वाली बात उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद की है ,जहाँ एक स्कूल के प्रबंधक ने राष्ट्रगान गाने पर पाबंदी लगा दी है , हालाकि प्रशासन ने इस पर कड़ी कार्रवाई की है और पुलिस ने देशद्रोही का मुकदमा दर्ज कर स्कूल प्रबंधक को गिरफ्तार कर लिया है | बताते चलें कि लगभग 12 साल पहले इस स्कूल की स्थापना की गई थी , और स्थापना के साथ ही राष्ट्रगान न गाए जाने का तुगलकी फरमान जारी किया गया तब से लेकर आज तक ये फरमान बदस्तूर जारी है , काफी अरसे तक इसे झेलने के बाद जब प्रिंसिपल और आठ टीचर्स ने इसके खिलाफ आवाज़ उठाई तो प्रवन्धक ने उन्हें इस्तीफा देने को मजबूर कर दिया , इस्तीफा देने वाले टीचर्स का कहना था कि राष्ट्रगान संविधान की ओर से दिया गया मूल अधिकार है और देश की किसी भी ताकत को ये मर्तबा मोहय नहीं कराया गया कि वो देशवासी के संवैधानिक अधिकार का हनन कर सके , इस पर विद्ध्यालय प्रबंधक का कहना है कि उनको राष्ट्रगान में “भारत भाग्य विधाता” के भारत शब्द से ऐतराज़ है और जब तक राष्ट्र्गान से “भारत” शब्द नहीं हटाया जाएगा वे स्कूल में राष्ट्रगान नहीं गाने देंगे  | प्रशासन की जांच पड़ताल से इस बात का भी खुलासा हुआ है कि काफी समय से यह स्कूल बिना मान्यता के ही चल रहा है , फिलहाल स्कूल को सील कर दिया गया है | लेकिन क्या ऐसे बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करना सही है ? स्कूल के सील होने का सबसे ज्यादा असर तो वहां पढ़ रहे छात्रों पर पड़ा होगा | जिससे उनका भविष्य बनने के बजाये बिगड़ने की तरफ अग्रसर हो जायेगा l 

No comments:

Post a Comment