Tuesday, 25 October 2016

एडमिशन न लेने वाले स्कूलों पर कार्रवाई से इंकार |

इस मोर्डर्न जमाने में बच्चों का बेहतर भविष्य उनकी बेहतर स्कूली शिक्षा से बनता है , लेकिन अब हाल यह हो चुका है कि राजधानी के कई स्कूल ऐसे है जो बच्चों को अपने विद्यालय में एडमिशन ही नही देते है। ऐसे विद्यालयों पर पहले  करवाई का प्रावधान था जिससे बच्चों के माता-पिता को ज्यादा मुश्किलो का सामना नहीं करना पड़ता था , लेकिन राईट टू एजुकेशन (R T I) के तहत  बच्चों का  एडमिशन न लेने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई से जिला प्रशासन ने इनकार कर दिया है  । अफसरों का कहना है  कि आरटीआई एक्ट में एडमिशन के लिए पूरी गाइडलाइन दी गयी है , लेकिन इस पर कार्रवाई न करने वाले स्कूलों पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई का कोई प्रावधान नही है  । आलम यह है कि ६ से अधिक स्कूलों ने एडमिशन देने से मन कर दिया है जिससे लगभग 200 पेरेंट्स भटक रहे है और जब जिला प्रशासन से सवाल किया तो वे यह कहकर पीछे हट गए की कार्यवाई का कोई प्रावधान  ही नही है। और वहीँ एक ओर  आरटीआई एक्टिविस्ट समीना बानो ने बताया कि आरटीआई में भले ही कार्रवाई का कोई नियम न हो, लेकिन स्कूलों  को शासन की ओर से आदेश जारी किया गया है। इस बयान के बाद भी अगर कोई स्कूल बच्चों को एडमिशन देने से मना कर रहा है तो यह शासनादेश का उल्लंघन समझा जाएगा और उनपर कड़ी  कार्यवाई भी की जा सकती है।  इन सब  से  तो यही  समझ आता है जिला प्रशासन जरूरतमंद  बच्चों के एडमिशन के लिए प्रयास ही नहीं कर रही है  बल्कि  उनकी शिक्षा में रोड़ा बनने का काम कर रही है।  लखनऊ के  डीएम का कहना है कि इस बारे मे कानूनी राय ली गयी है। इस एक्ट के तहत कोई भी  कार्रवाई का प्रावधान नही है और ऐसे में हम चाहते हुए भी स्कूलों  पर  कार्रवाई नहीं कर सकते।



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