Tuesday, 12 July 2016

मासूमियत कुचल कर जबरन ली गईं कोख

हर लड़की बचपन से यही सपना संजोते हुए बड़ी होती है कि जब वह बड़ी होगी तो उसकी भी शादी होगी | और एक लड़की के लिए इससे भी अच्छा होता है माँ बनने का एहसास ,लेकिन क्या हर लड़की अपना सपना वैसे ही पूरा कर पाती है ? जैसा कि वो हमेशा से सोचती है ? ऐसा ही एक उदाहरण है झारखण्ड में रहने वाली एक लड़की जिसके साथ कुछ ऐसा हुआ जो कोई भी लड़की सपने में भी सोच नही सकती | इस बात का खुलासा तब हुआ जब गुमला के चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी में जाकर उस लड़की ने अपनी आपबीती बताई , जो आखों में सपने लेकर झारखण्ड से दिल्ली गई थी , लेकिन उसे क्या पता था कि दिल्ली में  उसके साथ क्या होने वाला था ,जहाँ कुछ वहशी दरिन्दे उसका इंतज़ार कर रहे हर लड़की बचपन से यही सपना संजोते हुए बड़ी होती है कि जब वह बड़ी होगी तो उसकी भी शादी होगी | और एक लड़की के लिए इससे भी अच्छा होता है माँ बनने का एहसास ,लेकिन क्या हर लड़की अपना सपना वैसे ही पूरा कर पाती है ? जैसा कि वो हमेशा से सोचती है ? ऐसा ही एक उदाहरण है झारखण्ड में रहने वाली एक लड़की जिसके साथ कुछ ऐसा हुआ जो कोई भी लड़की सपने में भी सोच नही सकती | इस बात का खुलासा तब हुआ जब गुमला के चाइल्ड वेल्फेयर कमेटी में जाकर उस लड़की ने अपनी आपबीती बताई , जो आखों में सपने लेकर झारखण्ड से दिल्ली गई थी , लेकिन उसे क्या पता था कि दिल्ली में  उसके साथ क्या होने वाला था ,जहाँ कुछ वहशी दरिन्दे उसका इंतज़ार कर रहे थे , हालांकी वो उन दरिंदों के चंगुल से तो किसी तरह से भाग निकली थी | पर अभी वो जब भी इस पल को याद करती है तो वह सिहर उठती है | ये बात सर्फ एक लड़की की नही है , ऐसी बहुत सी लड़कियां है जो झारखण्ड में हो रहे इस घिनोने खेल से परिचित हैं |  झारखंड में बच्चों के सरंक्षण या मानव तस्करी के लिए काम करने वाले लोगों का कहना है कि झारखंड की लड़कियों को बच्चे पैदा करने की मशीन के रूप में इस्तेमाल करने का यह कोई इकलौता केस नहीं है. ज्यादातर नाबालिग लड़कियों को अपना शिकार बनाते हैं जो कि इनके खिलाफ आवाज़ न उठाए , जिससे कि इनका काम बिना किसी के रोड़ा अटकाये पूरा हो सके | लडकियों व युवतियों से जबरदस्ती बच्चा पैदा कराया जाता है और उस बच्चे को किसी नि:संतान दम्पति को बेच दिया जाता है , लेकिन इसके लिए वे बहुत से तरीके अपनाते है , कभी रेप/गैंग रेप के जरिए तो कभी इंजेक्शन के जरिए उन्हें प्रेग्नेंट कर उन्हें जबरन सरोगेसी के लिए मजबूर किया जाता है, ताकि उन लोगों का काम भी चलता रहे जिनका काम इन लड़कियों को भेडियों के आगे परोसने का है जो इनके तन को तब तक नोचें जब तक इनकी भूख ख़त्म न हो जाए और इसका इंतजाम करने वालों को मुह मांगी कीमत मिलती रहे , जिसके लिए न तो कोई आवाज़ उठाने वाला है और न ही इनकी सुध लेने वाला , हाँ बस कुछ है जो इनसे अपनी केस स्टडी में इजाफा करती हैं और डायस पर खड़े होकर बड़े-बड़े उपदेश देती हैं , जानते हैं क्यों ? क्योंकि इन लोगों ने जो सेक्स किया है वो इंजॉय करने के लिए ना कि बे मर्ज़ी और न ही किसी के भोग के लिए , फर्क साफ़ है , कहावत है कि हमाम में हम सब नंगें हैं पर समझना ये होगा है कि हमाम महंगे बाथ टब और आलीशान फिनिशिग के संसाधनों से बना हमाम या फिर खुला आसमान lथे , हालांकी वो उन दरिंदों के चंगुल से तो किसी तरह से भाग निकली थी | पर अभी वो जब भी इस पल को याद करती है तो वह सिहर उठती है | ये बात सर्फ एक लड़की की नही है , ऐसी बहुत सी लड़कियां है जो झारखण्ड में हो रहे इस घिनोने खेल से परिचित हैं |  झारखंड में बच्चों के सरंक्षण या मानव तस्करी के लिए काम करने वाले लोगों का कहना है कि झारखंड की लड़कियों को बच्चे पैदा करने की मशीन के रूप में इस्तेमाल करने का यह कोई इकलौता केस नहीं है. ज्यादातर नाबालिग लड़कियों को अपना शिकार बनाते हैं जो कि इनके खिलाफ आवाज़ न उठाए , जिससे कि इनका काम बिना किसी के रोड़ा अटकाये पूरा हो सके | लडकियों व युवतियों से जबरदस्ती बच्चा पैदा कराया जाता है और उस बच्चे को किसी नि:संतान दम्पति को बेच दिया जाता है , लेकिन इसके लिए वे बहुत से तरीके अपनाते है , कभी रेप/गैंग रेप के जरिए तो कभी इंजेक्शन के जरिए उन्हें प्रेग्नेंट कर उन्हें जबरन सरोगेसी के लिए मजबूर किया जाता है, ताकि उन लोगों का काम भी चलता रहे जिनका काम इन लड़कियों को भेडियों के आगे परोसने का है जो इनके तन को तब तक नोचें जब तक इनकी भूख ख़त्म न हो जाए और इसका इंतजाम करने वालों को मुह मांगी कीमत मिलती रहे , जिसके लिए न तो कोई आवाज़ उठाने वाला है और न ही इनकी सुध लेने वाला , हाँ बस कुछ है जो इनसे अपनी केस स्टडी में इजाफा करती हैं और डायस पर खड़े होकर बड़े-बड़े उपदेश देती हैं , जानते हैं क्यों ? क्योंकि इन लोगों ने जो सेक्स किया है वो इंजॉय करने के लिए ना कि बे मर्ज़ी और न ही किसी के भोग के लिए , फर्क साफ़ है , कहावत है कि हमाम में हम सब नंगें हैं पर समझना ये होगा है कि हमाम महंगे बाथ टब और आलीशान फिनिशिग के संसाधनों से बना हमाम या फिर खुला आसमान l


Saturday, 9 July 2016

उत्तर प्रदेश और चुनाव का खेल

उत्तर प्रदेश में आगामी विधान सभा चुनाव को देखते हुए सभी राजनैतिक पार्टियों ने अपनी सारी ताकत झोंक दी है , पर भारतीय जनता पार्टी ने २०१७ चुनाव के लिए गृह मंत्रालय को चुना है आप भी सोच रहे होंगे आखिर केंद्र का गृह मंत्रालय तो भाजपा सरकार के ही अधीन है ? जी नहीं हम उस गृह मंत्रालय की बात नहीं बल्कि उन मंत्रालय की बात कर रहे हैं जिसकी मर्ज़ी के बिना किसी का भी गृहस्त जीवन असंभव है , हमारे आप के घरों में अपना ज्यादा समय किचेन में देने वाली महिलाए , जिनको सबसे ज्यादा समय बेहतरीन पकवान बनाने और नयी डिश बनाने में लगता है जिसके लिए आवश्यकता होती है गैस सिलेंडर की , जिसके दामों में कमी कर महिलाओं को भाजपा ने कहीं न कहीं खुश करने का काम किया है , क्योंकि घर का सारा बजट बनाने का काम हमारे आप के घर की गृहणी ही करती है , भाजपा को विश्वास है कि अगर महिलाओं को खुश कर दिया गया तो समझों काम पक्का , यही वजह है कि गरीब महिलाओं और गरीब परिवारों को मुफ्त में गैस सिलेंडर देने की शुरुवात भी उत्तर प्रदेश से ही की गयी ,ताकि महिलाओं की नव्ज़ टटोल कर पुरुषों को भी अपनी तरफ आकर्षित किया जा सके l